रावण के हरने का कारण , रावण ने मरते समय लक्ष्मण से क्या कहा

                                       
 डोली भूमि गिरा दसकंदर 

राम ने  रावण को तीर मारा, पूरी की पूरी भूमि डोल गई जब रावण गिरा तो सब लोग इखट्टे हो गए  राम लक्ष्मण विभीषण और उस जुदाई की अंतिम बेला में राम ने लक्ष्मण से कहा कुछ सीखा तुमने राम जी ने कहा जाओ लक्ष्मण रावण से सीख कर आओ, जिंदगी में जिस आदमी से बैर राम जी लक्ष्मण को उसके पास सिखने के लिए भेज रहे रहे क्योकि वहा से जो सिखने को मिल सकता है वह कही और से नहीं मिल सकता देखो जीवन में जहाँ से सीखना मिले वहाँ से हमें सीखना चाइए रावण ब्रम्हाण्ड का सबसे ज्ञानी व्यक्ति चारो वेदो का ज्ञाता है और ग्रंथ कहता की लक्ष्मण अंहकार से रावण के सर पास खड़े हो गए राम जी ने कहा ये तरीका गलत है लक्ष्मण तुम रावण के चरणों की तरफ जाओ राम जी ने कहा सीखने के लिए चरणों में जाना पड़ता है लक्ष्मण जी गए और रावण से कहा रावण मुझे कुछ सीखा दो अंतिम समय में रावण ने कहा में क्या सिखाऊ तुझे तु मेरे एक सवाल का जवाब देदे तो तुझे मोक्ष प्राप्त होगा लक्ष्मण ने कहा तुम क्या सीखना चाहते मुझसे रावण ने कहा मेरा एक सवाल है तुजसे और रावण अपने पूरी जिंदगी लक्ष्मण का और राम का नाम नहीं लिया क्योकि उसे नाम लेने तक में दिक्क्त थी वो ए वनवासी बोलता रहा 
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क्योकि लोगो सफल लोगो नाम तक लेने में दिक्क्त होती है वनवासी ए मनुष्य ऐसा बोलता था तो लक्ष्मण ने आप मुझे कुछ सिखाए रावण ने कहा पहले मेरे सवाल का जवाब दे लक्ष्मण ने बोला पूछिए महोदय तो उसने कहा मेरा पहला सवाल तो ये है
                          तुम शत्रिय में ब्राह्मण मेरा कुल तुम से बड़ा है में कुल में तुमसे अधिक बड़ा हु | 
                           तुम शत्रिय में ब्राह्मण मेरा कुल तुम से बड़ा है में कुल में तुमसे अधिक बड़ा हु | | 
                          में चारो वेदो का ग्याता मेरे नाम का डंका पूरी दुनिया में बजता है मेरे ज्ञान का | 
                          मेरी सेना तुम्हारी सेना से बड़ी, मेरी सेना में ऐसे ऐसे योद्धा थे जिनका डंका 
                           दुनिया में बजता था मेरे बेटे ने इंद्र को बंदी बना लिया था मेने काल को बांद दिया था 
                          तुम शत्रिय में ब्राह्मण मेरा कुल तुम से बड़ा है में कुल में तुमसे अधिक बड़ा हु,
                    और तुम दो वनवासी भाई बंदरो की सेना लेकर आए और मुझे मेरी ही भूमि पर हरा दिया | 


क्योकि किसी को भी उसकी भूमि पर हराना बड़ा मुश्किल होता है रावण कहता है सवाल यही है की में हारा क्यु 
में कही से भी तो कम नहीं था आखिर कार में हारा क्यू लक्ष्मण ने कहा मुझे नहीं पता रावण ने कहा में यही सीखना चाहता हु
              तुम तुम्हारे भाई के साथ हो और मेरे पास मेरे भाई का साथ नहीं था इसलिए में हारा हु 

भारत में अंग्रेज तब तक अपना अधिपत्य नहीं जमा सके जब तक हमारे देश के लोगो ने उनका साथ नहीं दिया 
सिख  
       हमे हमेशा अपनों का साथ देना चाहिए मुश्किल की परिस्थति में ताकि कोई और हमारी मज़बूरी का फायदा नहीं उठा सके| 
 


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