रावण के हरने का कारण , रावण ने मरते समय लक्ष्मण से क्या कहा

क्योकि लोगो सफल लोगो नाम तक लेने में दिक्क्त होती है वनवासी ए मनुष्य ऐसा बोलता था तो लक्ष्मण ने आप मुझे कुछ सिखाए रावण ने कहा पहले मेरे सवाल का जवाब दे लक्ष्मण ने बोला पूछिए महोदय तो उसने कहा मेरा पहला सवाल तो ये है
तुम शत्रिय में ब्राह्मण मेरा कुल तुम से बड़ा है में कुल में तुमसे अधिक बड़ा हु |
में चारो वेदो का ग्याता मेरे नाम का डंका पूरी दुनिया में बजता है मेरे ज्ञान का |
मेरी सेना तुम्हारी सेना से बड़ी, मेरी सेना में ऐसे ऐसे योद्धा थे जिनका डंका
दुनिया में बजता था मेरे बेटे ने इंद्र को बंदी बना लिया था मेने काल को बांद दिया था
तुम शत्रिय में ब्राह्मण मेरा कुल तुम से बड़ा है में कुल में तुमसे अधिक बड़ा हु,
और तुम दो वनवासी भाई बंदरो की सेना लेकर आए और मुझे मेरी ही भूमि पर हरा दिया |
क्योकि किसी को भी उसकी भूमि पर हराना बड़ा मुश्किल होता है रावण कहता है सवाल यही है की में हारा क्यु
में कही से भी तो कम नहीं था आखिर कार में हारा क्यू लक्ष्मण ने कहा मुझे नहीं पता रावण ने कहा में यही सीखना चाहता हु
तुम तुम्हारे भाई के साथ हो और मेरे पास मेरे भाई का साथ नहीं था इसलिए में हारा हु
भारत में अंग्रेज तब तक अपना अधिपत्य नहीं जमा सके जब तक हमारे देश के लोगो ने उनका साथ नहीं दिया
सिख
हमे हमेशा अपनों का साथ देना चाहिए मुश्किल की परिस्थति में ताकि कोई और हमारी मज़बूरी का फायदा नहीं उठा सके|
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